Saturday, October 1, 2011

क्या जिंदगी हे !!!

हेल्लो दोस्तों ,
                       आज बहुत दिनों के बाद में ब्लॉग लिख रहा हु ... वेसे तो अभी तक जिंदगी वेसी ही चल रही थी... बोरिंग पर अब तो जिंदगी .....सिर्फ बोरिंग ही रहा गयी हे ...अब तो सभी को बस पैसा कमाना हे नाम कमाना हे ...पर किसी को भी अब दोस्त नहीं चाहिये ...अब तो सब अलग - अलग हो गए हे ..किसी को किसी के कोई मतलब नहीं जिंदगी चल रही वो दोर रहे हे भाग रहे हे .... पर क्यों भाग रहे हे पता नहीं सब को भाग ना हे सब को जीतना हे  पर क्या जीतना हे पता नहीं हर के जीतने वाले को बगिगर कहते हे पर दोस्तों को प् कर खोने वालो को क्या कहते हे ???  अब तो बस हम ही हम हे बाकि दोस्तों में गम हे ! 

                                                                                          वेसे आज फ्रेंड ही नहीं घर वाले भी कुछ कुछ बदल गए ! ये वो जमाना नहीं रहा जब बेटा पिताजी के व्यापर और नौकरी को आगे बढता हे पर अब तो सब को सिर्फ आईटी  इंजिनियर बना हे ... पैसा कमाना हे और देश यौंग पॉवर को किसी भी MNC कंपनी के पेर पर रखा दिया हे और हर रोज टाइम पर जा कर उसे विदेशी कंपनी की सेवा कर  पहुच जाते हे .... आज कल माँ बाप के मन की बाद बेटे को समज में नहीं आती पर कंपनी के कस्टमर की रेकुइरेमेंट समाज जाता हे..... क्यों क्यों की ......