Monday, December 9, 2019

जिंदगी के पांच साल ....

जिंदगी के पांच साल

हेलो दोस्तों !!!,
कुछ साल पहले तक लगभग हर वीक  ब्लॉग्गिं करता था | पर समय बदल गया और आज पांच साल बाद फिर वही पुराना ब्लॉग मेने फिर ओपन किया और कुछ लिखना स्टार्ट किया सब कुछ चेंज हो गया इन पांच सालो में दुनिया ऑरकुट फेसबुक से व्हाट्सप्प, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम पर आगयी

खभी सोचा हे क्या कुछ चेंज हो गया पिछले पांच सालो में

सबसे पहले तो टाइम आज से कुछ साल पहले सब भले २ मिनट पर प्यार से फ़ोन से या मोबाइल से बात कर लेते हे आज तो वीडियो कॉल पर भी लड़ते और झगड़ते रहते हे

पहले घर परिवार के लोगो को देखने के लिए तरसते रहते थे पर आज तो विदेश में बैठे भी एक दूसरे तो देख लेते हे पर  अब वो बात नहीं रही जो कोई दिनों बाद परिवार वालो को मिलने देखने की खुशी मिलती थी

आज घर के हर सदस्य के पास स्मार्ट फ़ोन हे पर हम लोग वास्तविक जीवन से दूर होते जा रहे हे भले ही पहले माता पिता बच्चो को महगे फ़ोन स्मार्ट डिवाइस नहीं दिला पाते थे पर वो एक अच्छा जीवन यापन करने का मूल मंत्र बता देते हे

आज बच्चे माता पिता के साथ समय व्यतीत करने की जगह अपने  स्मार्ट फ़ोन पर चैट का रिप्लाई करना ज्यादा पसंद करते हे

पर ये बात एक तरफा नहीं हे साथ ही साथ माता पिता भी स्मार्ट फ़ोन के चकरो में पड़ के बच्चो समय नहीं दे पाते हे

पिछले बीते साल में देश और दुनिया ने बहुत तरक्की की हे पर अगर ध्यान से देखेंगे वो हमलोगो ने कोई तरक्की नहीं की

दुनिया तो कनेक्टेड होगयी हे पर हम अपनों से डिस्कनेक्टेड हो गए |


मन में बाते हे पर बोल नहीं सकते और जो बात नहीं बोलने की हे वो हर रोज करते हे

समय ने ऑरकुट फेसबुक इंस्टाग्राम व्हाट्सप्प से टेलीग्राम तक का सफर तय कर लिया हे पर आपको याद भी हे कब अपने लास्ट हाथ से लिखा खत पोस्ट किया था ?

शायद याद भी नहीं

हम लोगो १६३ साल पुराना टेलीग्राम भी अब बंद हो चूका हे पर नयी जनरेशन को पता नहीं चलेगा की टेलीग्राम पहले भी होता था

बहुत साल को बाद कुछ लिख कर अच्छा लग रहा हे

अब कुछ दिनों बाद फिर आता हु कुछ नया टॉपिक लेके जब तक के एन्जॉय सोशल नेटवर्किंग !!!







Monday, September 23, 2013

टाइम पास ऑफिस

हेल्लो दोस्तों।।। फिर से बुहत दिनों बाद में आपका दोस्त ब्लॉग लिखा रहा हु

पर क्यों की में मुज़े काम ही काम हे ऑफिस में दिन भर फ्री

बोलने को 3-4 प्रोजेक्ट हे मेरे पास पर रियल में तो में फालतू हु वो भी पूरा फालतू

कुछ दिन पहेले हमारा ऑफिस शिफ्ट हुहा ।।। पर यहाँ पर आ कर तो हम पुरे फालतू हो गए हे कंप्यूटर हे तो लाइट नहीं ।।।।

कुछ दिनों बाद लाइट आई तो तो इन्टरनेट नहीं हे ।।

काम करने का मन हे तो काम नहीं।।।

क्या करू मुजे तो लगने लगा हे जेसे सरकार नव मुजे से पिसले जनम में कर्जा लिया था और अब हर महीने चुका रही हे

अभी आज का दस्य मेरे ऑफिस का लगभग सभी लोग फालतू हे अभी कुछ टाइम पहेले ऑफिस ने नेट आया हे और कुछ कंप्यूटर पर इन्टरनेट चल रहा तो कुछ पर नहीं

और जिन के pc पर नेट चल रहा हे उन्हें facebook और gmail से फुर्सत नहीं हे

और जिन के pc पट नेट नहीं आया हे  वो पागलो की तरह गम राहे हे ।।।

और सब फालतू लोगो का समूह हे ।।।

कोई काम का नहीं 2 घंटे के काम के लिए 2 महीने लेते हे और फिर भी काम नहीं कर के देते हे

कभी कभी तो लगता हे सब को साफ साफ बोल दू बंद करो ये फालतू का ऑफिस।।।।।।

पर क्या करू में भी इसी ऑफिस का हिस्सा हु

Par kuch log samz the he ki muze koi kaam nahi he ....m me faltu hu....

Nahi me faltu nahi fursted hu ..... in sab logo ke bich kya karu samz nahi aata ....

Tumhe bolo dosto kya karna chaiye muze.....